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Rajasthan VDO Syllabus 2025 : ग्राम विकास अधिकारी का नवीनतम पाठ्यक्रम देखे।

By Bhavesh Suthar

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Rajasthan VDO Syllabus 2025
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Rajasthan VDO Syllabus 2025 : राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड, जयपुर ग्राम विकास अधिकारी सीधी भर्ती -2025 का आयोजन 12 जुलाई को करवाया जाएगा। चयन बोर्ड द्वारा जल्द ही विस्तृत विज्ञापन जारी किया जाएगा। इस बार परीक्षा का आयोजन समय पर होना बताया जा रहा है। ऐसा प्रदेश में पहली बार हो रहा है कि विज्ञप्ति से पहले परीक्षा तिथि तो आ गई पर विज्ञापन का अभी तक अता पता नहीं।

Rajasthan VDO Syllabus 2025
Rajasthan VDO Syllabus 2025

ग्राम विकास अधिकारी के प्रश्न पत्र मे 160 प्रश्न 200 अंकों का होगा। साथ मे चार की बजाय इसमे भी पाँच विकल्प होंगे। समय सीमा 3 घंटे की रहेगओ। 10 मिनट का समय पाँचवा विकल्प भरने के लिए अतिरिक्त दिया जाएगा।

Rajasthan VDO Exam Scheme

मुख्य परीक्षा हेतु परीक्षा स्कीम एवं पाठ्यक्रम

(1) भाषा ज्ञान (सामान्य हिन्दी, अंग्रेजी)

(2) गणित

(3) सामान्य ज्ञान

(4) भूगोल और प्राकृतिक संसाधन

(5) राजस्थान के संदर्भ में कृषि व आर्थिक संसाधन

(6) इतिहास और संस्कृति

(1) सभी प्रश्न बहुविकल्पी होंगे तथा सभी प्रश्नों के अंक समान होगें।

(2) किसी प्रश्न विशेष के गलत उत्तर के लिए परीक्षार्थी के प्राप्तांकों में से उस प्रश्न के पूर्णांक का एक-तिहाई अंक (1/3) काटा जावेगा।

(3) प्रश्नों की संख्या 160 होगी।

(4) कुल प्रश्न पत्र 200 अंकों का होगा व समय सीमा 3 घंटे की रहेगी।

इन्हें भी पढे – कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा आयोजित पटवारी भर्ती का नवीनतम पाठ्यक्रम

Rajasthan VDO Syllabus 2025

(1) भाषा ज्ञानः अंक-50

(i.) सामान्य हिन्दी अंक-30

संधि एवं संधि विच्छेद, समास, उपसर्ग, प्रत्यय, पर्यायवाची तथा विलोम शब्द, शब्द युग्म का अर्थभेद, एक वाक्यांश के लिए एक सार्थक शब्द, शब्द-शुद्धि, वाक्य शुद्धि, मुहावरे, लोकोक्तियां, पारिभाषिक शब्दावली।

(ii.) अंग्रेजी:- अंक-20

Question based on grammer (Sr. secondary exam. level)

Question (Multipurpose choice) based on paragraph.

(2) गणितः अंक-40

दशमलव एवं भिन्न, प्रतिशत, अनुपात एवं समानुपात, औसत, ब्याज, लाभ-हानि, छूट, परिमिति, समय एवं दूरी, अनुपात एवं समय, साझा, किश्तों में भुगतान, चक्रवृद्धि ब्याज, वृद्धि एवं हास दर, बहुपद के गुणन खण्ड, बहुपदों के महत्तम समापवर्तक एवं लघुत्तम समापवर्त्य, दो चरों वाले रैखिक समीकरण, केन्द्रीय प्रवृति के माप, माध्य विचलन, चतुर्भुज, वृत, चाप और उसके द्वारा अंतरित कोण, ज्यामितिय रचनाएँ।

(3) सामान्य ज्ञानः अंक-20

(i.) सम सामायिक घटनायें- अंक- 10

अन्तर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय व राज्य स्तर पर प्रमुख सम सामयिक मुद्दे एवं घटनायें तथा उनसे संबंधित संगठन, संस्थायें एवं व्यक्तित्व।

(ii.) सामान्य विज्ञान- अंक-10

सामान्य विज्ञान के वे प्रश्न जो दिन-प्रतिदिन के अनुभवों और विश्लेषणों पर आधारित हों और जिनसे विज्ञान की समझ और परख होती हों। इन प्रश्नों में से ऐसे प्रश्न भी शामिल होंगे जिससे परीक्षार्थी की इलेक्ट्रॉनिक्स, दूर-संचार, सेटेलाईट और उसी प्रकार के दूसरे मुद्दों पर ज्ञान की परख की जा सके।

(4) भूगोल और प्राकृतिक संसाधनः अंक-30

(i.) संसार के व्यापक भौगोलिक क्षेत्र, महत्वपूर्ण स्थान, नदियां, पहाड, महाद्वीप

(ii.) भारत का पर्यावरण व वन्य जीवन, पारिस्थितिकी (इकोलॉजी)

(iii.) राजस्थान का भौगोलिक परिदृश्य- मौसम, वनस्पति, मिट्टी के प्रकार, भौगोलिक क्षेत्र, मानव संसाधन, जनसंख्या की समस्यायें, बेरोजगारी, गरीबी, अकाल व सूखा, बढ़ता हुआ रेगिस्तान, राजस्थान के प्राकृ तिक संसाधन खनिज व खान, वन, भूमि, पानी, पशु सम्पदा, वन्य जीवन एवं वन संरक्षण, उर्जा समस्यायें, ऊर्जा की परम्परागत एवं गैर परम्परागत स्त्रोत।

(5) राजस्थान के संदर्भ में कृषि व आर्थिक संसाधनः अंक-30

राजस्थान की खाद्य व व्यावसायिक फसले, कृषि आधारित उद्योग, वृहद सिंचाई एवं नदी घाटी परियोजनायें, बंजड भूमि व सूखा क्षेत्र विकास परियोजनायें, इन्दिरा गांधी नहर परियोजना, उद्योगों का विकास व उनका स्थान, कच्ची सामग्री पर आधारित उद्योग, खनिज आधारित उद्योग, लघु एवं ग्रामोद्योग, निर्यात सामग्री, राजस्थानी हस्तकला, आदिवासी और उनकी अर्थ व्यवस्था, विभिन्न आर्थिक योजनायें, विकास संस्थायें, सहकारी आन्दोलन, लघु उद्यम एवं वित्तीय संस्थायें, संविधान के 73 वें संशोधन के अनुरूप पंचायती राज संस्थाओं की भूमिका।

(6) इतिहास और संस्कृति: अंक-30

भारतीय राजनैतिक व सांस्कृतिक इतिहास के लैंडमार्क, मुख्य स्मारक व साहित्यिक कार्य, पुर्नजागरण,

राष्ट्रीय एकता व स्वतन्त्रता के लिये संघर्ष।

राजस्थान के इतिहास व संस्कृति विशेष के सन्दर्भ में:-

(i.) मध्यकालीन पृष्ठभूमि

(ii.) सामाजिक आर्थिक जीवन व संगठन

(iii.) स्वतंत्रता आंदोलन व राजनैतिक जाग्रति

(iv.) राजनैतिक एकता

(v.) बोलियों व साहित्य

(vi.) संगीत, नृत्य व नाटक

(vii.) धार्मिक विश्वास, लोक परम्परा, संत, कवि, वीर पुरूष, लोक देवता व लोक देवीयां

(viii.) हस्तकला

(ix.) मेले व त्योहार, रीति रिवाज, पोषाक, आभूषण, विशेषतया आदिवासी व जनजाति के सन्दर्भ में।

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